बैतूल में सार्थक दिवाली: जरूरतमंदों तक पहुंचाई सामग्री, वाहन में एकत्रित कर साड़ियां, कपड़े, रसोई सामग्री बांटी

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बैतूलएक घंटा पहले

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दीपावली आनंद और समृद्धि का त्योहार माना जाता है, जहां हर कोई अपने सामर्थ्य अनुसार इस पर्व को मनाता है। इसी के साथ यह भी सच्चाई है कि अभी भी हमारे समाज में अनेक परिवार ऐसे हैं, जिनको इस समृद्धि के पर्व पर कुछ भी नया करने या उत्साह से मनाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऐसे संसाधन विहीन परिवारों तक स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने मदद पहुंचाकर ना सिर्फ जरूरतमंदों के बीच खुशियां बिखेरी बल्कि बैतूल जिले के इतिहास में सेवा के क्षेत्र में एक बेहतर मिसाल भी पेश की है।

गरीब परिवारों की मदद करने के लिए स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने कदम उठाया। इस अभियान में बडोरा निवासी अर्चना मालवीय ने 70 नई साड़ियां, सदर निवासी दीपांशु और नियति पैगे ने पानी की बाटल, चक्कर रोड निवासी नीरज सोनी ने 21 नई साड़ियां भेंट की। 3 दिन में मानव सेवा वाहन में बैतूल की जनता ने बहुत सारे कपड़े, बर्तन, लंच बॉक्स, लिखने वाले बोर्ड, साइकिल, छोटे बच्चों को घुमाने वाली साइकिल, स्वेटर, जैकेट, शाल, कुकर ऐसी बहुत सारी चीजें दी। इन सारी चीजों को हमने व्यवस्थित रूप से गाड़ी में रख कर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम किया।

खुशी से खिल उठे जरूरतमंदों के चेहरे

जब संसाधन विहीन परिवारों के बीच मानव सेवा वाहन पहुंचा तो जरूरतमंद परिवारों के चेहरे पर जो खुशी दिखी, उसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल था। ग्रुप के संयोजक अक्षय ने बताया इस अभियान को प्रतिवर्ष किया जाएगा। अगले साल 2023 में इस अभियान की शुरुआत शरद पूर्णिमा से कर दी जाएगी। 3 दिन तक नगर में मानव सेवा वाहन घुमाकर लोगों से संपर्क कर कपड़े, बर्तन एवं जरूरी उपयोग की वस्तुओं को इकट्ठा किया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों को दीपावली पर खुशियों का तोहफा दे सके।

मिठाई, पटाखे देकर नंगे पैरों में चप्पल पहनाई

ग्रुप के संदीप कौशिक ने बताया कि ग्रुप के संरक्षक अक्षय तातेड़ की प्रेरणा से स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप के युवाओं ने दिवाली के संकल्प को पूरा कर बेहतरीन अनुभव प्राप्त किया। खुद आनंदित होकर दूसरों को भी आनंदित करने की अनूठी पहल की है। सही मायने में यही सार्थक दिवाली है।

उन्होंने बताया कि अक्षय तातेड़ द्वारा बच्चों, बुजुर्गों, महिला और पुरुषों को चप्पले पहनाई। जरूरतमंद परिवारों में मिठाई की पैकेट और नमकीन दिया गया। एक गरीब बस्ती में जब हम पहुंचे तो वहां के युवा ने बताया कि उसकी बहन जब गर्भवती थी। उस समय उसका पैर पैरालाइज हो गया था। उस समय भी अक्षय ने उनकी मदद करके उसकी बहन की जान बचाई।

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