इस बार सर्दी का शतक: 15 बार शीतलहर और 20 कोल्ड डे के आसार 45 से ज्यादा दिन, 10 डिग्री के आसपास रहेगा पारा

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भोपाल37 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबोलिया
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लाहौल स्पीति में बर्फबारी।
अभी भले ही मानसून की विदाई नहीं हुई हो, लेकिन मौसम के तेवर बदलने लगे हैं। रात में ओस की बूंदें गिरने लगी हैं। तड़के मामूली ठंड भी पड़ने लगी है। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ ठंड का ट्रेंड बना रह सकता है। इस बार पिछले साल से भी ज्यादा ठंड पड़ने के आसार हैं। इस बार ठंड शतक पार कर सकती है। यानी 100 दिन से ज्यादा ठंड पड़ने के आसार हैं। इस दौरान शीतलहर और कोल्ड डे यानी ठंडे दिनों का नया रिकॉर्ड बनने के आसार भी हैं।
अनुमान के मुताबिक 15 बार शीतलहर चल सकती है और 20 कोल्ड डे हो सकते हैं। करीब 45 से ज्यादा दिन रात का तापमान 10 डिग्री या उसके आसपास बना रह सकता है। मौसम विशेषज्ञ पहले ही यह अनुमान जाहिर कर चुके हैं कि इस बार लंबी सर्दी पड़ेगी। ठंड की अवधि का भी नया रिकॉर्ड बन सकता है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला कहते हैं- ऊपरी हवा का रुख उत्तरी होने लगा है। हमारे यहां उत्तर से आने वाली सर्द हवा के कारण ही ठंडक बढ़ती है। इस बार सर्दी के मौसम में कोहरा छाने और विजिबिलिटी कम होने का ट्रेंड भी बढ़ सकता है। अनुमान है कि इस बार अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही हल्की ठंड शुरू हो सकती है।
ठंड की हड़बड़ी… जल्दी आएगी, ज्यादा पड़ेगी
इसलिए ठंड ज्यादा… लंबी बारिश से इस बार नमी अधिक, तापमान कम
मौसम विशेषज्ञ एवं मौसम केंद्र के रिटायर्ड डायरेक्टर डीपी दुबे के मुताबिक बारिश की लंबी अवधि के कारण नमी ज्यादा है, तापमान भी कम है। अक्टूबर में कुछ दिन छोड़कर ज्यादा हीटिंग नही हो पाएगी। नवंबर से कड़ाके की ठंड शुरू हो जाएगी। इस कारण सर्दी के दिनों की संख्या बढ़ेगी तो ठंड की अवधि भी बढ़ेगी। इसका असर शीतलहर और ठंडे दिन होने की संख्या पर भी पड़ेगा।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस… पहाड़ों में जब बर्फ पिघलती है तो वहां से ठंडी हवा आती है
वेस्टर्न डिस्टरबेंस अफगानिस्तान, पाकिस्तान होता हुआ जब उत्तर भारत में पहुंचता है तो वहां बारिश या बर्फबारी होती है। बर्फ पिघलने के बाद वहां से जब सर्द हवा आती है तो हमारे यहां ठंड बढ़ जाती है। इस दौरान मावठा गिरने, कोहरा छाने और विजिबिलिटी कम होने जैसा मौसम हो जाता है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की फ्रीक्वेंसी ज्यादा होने का असर भी ज्यादा होगा।
शीतलहर/कोल्ड डे
जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या उससे कम और सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है तो शीतलहर कहा जाता है। जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या उससे कम और दिन का तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है तो कोल्ड डे कहलाता है।
पिछले साल 45 दिन 10 डिग्री के नीचे था पारा, 20 दिसंबर को ही 3.4 डिग्री पर पहुंच गया था
- पिछले साल 15 अक्टूबर से 15 फरवरी 2022 तक 120 दिनों में 93 दिन और 81 रात में ठंड पड़ी थी।
- इन 45 दिनों में पारा 100 के नीचे रहा था। 16 कोल्ड डे रहे और 10 बार शीतलहर भी चली थी।
- 31 अक्टूबर को ही शीतलहर जैसे हालात बन गए थे। 20 दिसंबर को पारा 3.4 डिग्री पर पहुच गया था।
- भोपाल में ठंड का सीजन 65 से 80 दिन का माना जाता है। दिसंबर से ठंड बढ़ती है। जनवरी में पीक होता है।
हिमाचल में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति सहित आस-पास के पहाड़ी इलाकों में बुधवार को करीब 3 इंच बर्फबारी हुई। मौसम वैज्ञानिक दुबे ने बताया कि इन दिनों पहाड़ों पर बर्फ बारी होना असामान्य है। अभी मप्र में नमी ज्यादा है, इसलिए इस बर्फबारी का यह असर होगा कि ठंड मप्र में भी जल्दी शुरू हो जाएगी और ज्यादा दिनों तक पड़ेगी। अक्टूबर के पहले सप्ताह से हल्की ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी।
- उत्तर के पहाड़ों में सितंबर में ही बर्फबारी शुरू
- संकेत-अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही मप्र में पड़ने लगेगी ठंड
भोपाल सहित प्रदेश के कई इलाकों में आज बारिश का यलो अलर्ट
- भोपाल समेत प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बुधवार को बारिश हुई। भोपाल एक घंटे में आधा इंच पानी बरस गया। बादलों के कारण वातावरण में ठंडक रही।
- प्रदेश में नर्मदापुरम, दमोह, बालाघाट, रीवा , सीधी, सतना जिलों में तेज बारिश हुई।
- मौसम केंद्र ने भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में गुरुवार को बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
- भोपाल में अब तक 74.49 इंच बारिश हो चुकी है। यह सीजन के कोटे 42 इंच से 32.49 इंच ज्यादा है।
लो प्रेशर एरिया मप्र के उत्तर पूर्वी हिस्से में
मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि लो प्रेशर एरिया मप्र के उत्तर पूर्वी हिस्से में है। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से से होती हुई पंजाब तक एक ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। यह नमी खींच रही है। इसके कारण ही बारिश हो रही है।
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