इसी महीने निकलेगी नई भर्ती: 6 हजार आरक्षकों की भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, अंतिम रिजल्ट घोषित

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भोपाल27 मिनट पहले

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मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने शनिवार को पुलिस आरक्षक भर्ती-2020 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से 6 हजार चयनित आरक्षकों के अंतिम रिजल्ट घोषित कर दिए। - Dainik Bhaskar

मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने शनिवार को पुलिस आरक्षक भर्ती-2020 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से 6 हजार चयनित आरक्षकों के अंतिम रिजल्ट घोषित कर दिए।

मप्र कर्मचारी चयन मंडल (पुराना नाम-प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) ने शनिवार को पुलिस आरक्षक भर्ती-2020 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से 6 हजार चयनित आरक्षकों के अंतिम रिजल्ट घोषित कर दिए। इसमें खास यह है कि यह अंतिम परीक्षा परिणाम सरकार के द्वारा घोषित 73 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार जारी किए गए हैं। वहीं, सरकार 7500 नए आरक्षकों की भर्ती करने जा रही है, इसकी अधिसूचना इसी महीने जारी होगी।

2022 में निकलने जा रही इस भर्ती में 50% अंक लिखित और 50% शारीरिक परीक्षा के होंगे। मप्र में एसटी को 20 प्रतिशत, एससी को 16 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिया जा रहा है। हालांकि 2019 के बाद से आरक्षण का यह मामला पेचीदा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक भर्ती में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था, लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट के अंतिम फैसला आने तक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के 4 विषयों में ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है।

दरअसल, मध्यप्रदेश में 2019 में सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया, जिससे सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 50% पार कर गई। शेष पेज 13 पर इसके बाद मप्र लोक सेवा आयोग के द्वारा पिछले तीन सालों में ली गई परीक्षाओं में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

इस मामले में अब तक कोर्ट ने जो अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा में जो व्यवस्था दी उसके हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत होने की बात कही। इससे पीएससी समेत अन्य संवर्गों की परिक्षाओें के नतीजे घोषित नहीं हो पा रहे थे। इंदिरा साहनी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय की है जो संवैधानिक पीठ का फैसला है। इसी आधार पर उम्मीदवारों ने सरकार के आरक्षण बढ़ाने के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है।

अफसर बोले -ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक नहीं
मप्र कर्मचारी चयन मंडल की संचालक षणमुख प्रिया मिश्रा का कहना है कि गृह विभाग से जो सीट मैट्रिक्स प्राप्त हुई थी, उसी के अनुसार रिजल्ट जारी किया गया है। गृह विभाग के एसीएस राजेश राजौरा का कहना है कि आरक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण विवाद सामने नहीं आया है। इस मामले में परामर्श के बाद ही ओबीसी को 27% आरक्षण देकर रिजल्ट जारी किया है।

निर्णय कोर्ट की मंशा के विपरीत है…
हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण का प्रकरण विचाराधीन है तो सभी विभागों के रिजल्ट ओबीसी को 14% आरक्षण देकर घोषित किए जाने चाहिए। जीएडी ने एमपीपीएससी को रिजल्ट बनाने के लिए जो गाइडलाइन दी है, उसका पालन भी सभी विभागों को एकरूपता से करना चाहिए। ऐसा नहीं करना कोर्ट की मंशा के अनुरूप नहीं होगा। अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग आरक्षण देना कोर्ट के निर्णय की मंशा के विपरीत है। प्रभावित उम्मीदवार कोर्ट में चुनौती देता है तो रिजल्ट पर पर रोक लग जाएगी। -जस्टिस आलोक वर्मा, रिटायर्ड जज, हाईकोर्ट

इधर पीएससी में अंतिम फैसला आने तक ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण
प्रदेश में पिछले तीन सालों से ओबीसी के 27% आरक्षण दिए जाने के मामले में मप्र लोकसेवा आयोग के नतीजे घोषित किए जाने पर कोर्ट के द्वारा अंतिम फैसला आने तक रोक है। इस स्थिति में राज्य सरकार ने प्रदेश में अफसरों की कमी को देखते हुए ओबीसी को 14% आरक्षण दिए जाने के आदेश जारी किए हैं, जो आरक्षण की पूर्व में तय 50% सीमा के अनुसार है।

कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक 87% पदों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। ओबीसी के जिस 13% आरक्षण बढ़ाए जाने को लेकर विवाद है, उसके 13% के नतीजे की दो सूची बनाई है, जिसमें 13% अनारक्षित 13% ओबीसी वर्ग की है। इसमें कोर्ट का फैसला ओबीसी के पक्ष में आता है तो उनके नाम घोषित कर दिए जाएंगे। विरोध में आता है तो अनारक्षित वर्ग के नतीजे घोषित हो जाएंगे।

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