इंदौर में 8000/kg तक की मिठाई: पैकिंग के लिए 4000 रु. तक के बॉक्स; शुद्ध घी, सूखे मेवे की मिठाई डिमांड में

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • Sweets Up To Rs 8000 Per Kg In Indore, Madhya Pradesh Hindi Interesting News, Diwali Special, Deepawali 2022

इंदौर7 मिनट पहलेलेखक: संतोष शितोले

दिवाली के त्योहार पर मिठास भरने के लिए सभी छोटी-बड़ी मिठाई दुकानों में तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जा रही हैं। मिलावट और जल्द खराब होने के चलते मावे और छैना से बनी मिठाई चलन से बाहर होती जा रही हैं। इनकी जगह शुद्ध घी और सूखे मेवे की मिठाई की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। कीमत 1200 रु. से लेकर 8000 रु. प्रति किलो तक है।

खास बात यह है कि जितनी महंगी, खूबसूरत, आकर्षक और स्वादिष्ट मिठाइयां हैं, उनकी पैकिंग भी उतनी ही खूबसूरती के साथ होती है। इनकी पैकिंग के लिए 40 रु. से लेकर 4 हजार रु. तक के बॉक्स मिठाई की दुकान पर हैं। महंगे पैकिंग वाले डिब्बे ज्वेलरी बॉक्स जैसे ही होते हैं, जो कोलकाता से यहां मंगाए जाते हैं।

चलिए जानते हैं, इंदौर में महंगी मिठाई, इन्हें बनाने की प्रोसेस…

काजू कतली का चलन सबसे ज्यादा

अपना स्वीट्स के संचालक प्रकाश राठौर ने बताया कि ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयों का चलन काफी बढ़ा है। इसमें बाइट्स, शुगर फ्री मिठाइयों की डिमांड ज्यादा है। उनका कहना है कि मिठाइयों और महंगी कीमत का कोई वास्ता नहीं है। सबसे ज्यादा चलन काजू कतली का है, जो पारंपरिक है। ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयां 1200 रु. किलो तक उपलब्ध हैं।

स्वादिष्ट और खूबसूरत पिस्ता पान की भी डिमांड

मिश्री प्रतिष्ठान के विजय धाकड़ ने बताया कि इस बार मिठाइयों में सूखी मिठाइयां ही बना रहे हैं। इनकी लाइफ ज्यादा रहती है। इनमें बेसन की मिठाई, मूंग के लड्‌डू, काजू कतली, खजूर की बर्फी शामिल हैं। ये ऐसी मिठाइयां हैं, जो ज्यादा समय तक खराब नहीं होती। हमारी दुकान पर 400 रु. से 1200 रु. प्रति किलो तक की मिठाइयां हैं। सबसे महंगा पिस्ता पान है, जो 1200 रु. किलो है।

ऐसे बनता है पिस्ता का पान, इसलिए है पहली पसंद…
पिस्ता का पान पिस्ता से बनता है। पिस्ता को पीसकर उसका पेस्ट बनाया जाता है। फिर इसे पान का रूप देने के लिए पहले अंदर गुलकंद और ड्राय फ्रूट्स भरा जाता है। स्वादिष्ट और खूबसूरत दिखने के कारण कई लोग न केवल इसे पसंद करते हैं, बल्कि शादी-पार्टियों के लिए ऑर्डर भी देते हैं।

मावे व दूध की मिठाइयां बंद, मक्खन बड़ा, लड्‌डू की डिमांड

श्री अग्रवाल स्वीट्स के मनीष अग्रवाल ने बताया कि हर बार दिवाली पर मावे और दूध की मिठाइयां बेचना बंद कर देते हैं। इस बार भी वही परंपरा जारी है। हमारे यहां शुद्ध घी और ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयां बनाई जा रही हैं। बेसन चक्की, मक्खन बड़ा, आटे के लड्‌डू, मूंग के लड्‌डू के ऑर्डर ज्यादा हैं। इस बार ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयों की डिमांड ज्यादा है। शुद्ध घी की मिठाइयों की कीमत 560 रु. से 600 रु. प्रति किलो है। ड्राय फ्रटूस की मिठाइयों में काजू कतली सबसे ज्यादा चलती है, यह 1 हजार रु. प्रति किलो है।

गणगौर स्वीट्स के संचालक सुरेंद्र डाकलिया ने बताया कि हमारे यहां दिवाली के पांच-छह दिन पहले मिठाइयां बनवाना शुरू करते हैं। मावे और घी की मिठाइयां ज्यादातर कॉर्पोरेट सेक्टर में चलती हैं। अभी ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयों का क्रेज ज्यादा है।

ऐसे बनती है ड्राय फ्रूटस की पिशोरी पिस्ता लौंज अन्य ड्राय फ्रूटस की मिठाइयां 1200 रु. से 1400 रु. प्रति किलो है। प्रीमियम मिठाइयों में पिस्ता लड्‌डू, अंजीर की मिठाइयां 1800 रु किलो हैं। दिवाली पर सबसे ज्यादा लोगों का रुझान महंगी मिठाइयों में पिस्ता लौंज पर रहता है। ये 3200 रु. किलो है, जो ऑर्डर पर बनाई जाती है। यह पिस्ता से ही बनती है। इसमें प्रीजर्वेटिव या कोई रंग का उपयोग नहीं होता। इसमें जो पिस्ता प्रयुक्त होता है, वह पिशोरी पिस्ता होता है। इसे बनाने के लिए पिस्ता को पीसा जाता है। इसे शक्कर के साथ मैश कर कढ़ाई में बनाया जाता है। फिर उस पर वर्क लगाने के साथ केसर का स्प्रे होता है।

सोने के वर्क की मिठाइयां ऑर्डर पर ही बनाते हैं
शहर के डाकलिया ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयां 780 रु. से लेकर 3600 रु. प्रति किलो तक हैं। इसके अलावा ग्राहक की रुचि और ऑर्डर अनुसार भी हैं। अगर किसी को सोने की वर्क लगी ड्राय फ्रूटस की मिठाइयां चाहिए, तो इसकी कीमत फिर ज्यादा हो जाती है। महंगी मिठाइयों में पिस्ता बर्फी, कैरेमल लड्‌डू, रोस्टेड बास्केट आदि उनके दाम के अनुसार होते हैं। इन्हें चिलगोजे पर बनाते हैं, तो चिलगोजे का दाम ही 4500 रु. से 5000 हजार रु. प्रति किलो तक है। ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयों में वर्क, चीनी और शुगर फ्री भी बनती है। शुगर फ्री की कीमत ज्यादा होती है।

औसतन 1 हजार रु. किलो तक ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयां
शहर का 99 साल पुराने मथुरावाला मिष्ठान के मालिक भारत मथुरावाला ने बताया कि हम बाजार से मावा नहीं खरीदते। रोजाना यहां 80 से 85 प्रकार की मिठाइयां बनती हैं, जबकि दिवाली पर 130 से 140 तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं। मावे की मिठाइयां 440 रु. से 460 रु. किलो, शुद्ध घी की मिठाइयां 460 रु. किलो, ड्राय फ्रूट्स की मिठाइयां अलग-अलग रेट में हैं। काजू कतली 900 रु. किलो है। काजू व बादाम का डेकोरेशन के साथ 1 हजार रु. किलो है।

कोलकाता से मंगाते हैं मिठाई पैक करने के स्पेशल बॉक्स

जितनी महंगी मिठाई, उतना ही खूबसूरत प्रेजेंटेशन

  • मिठाइयों के कुछ डिब्बे ऐसे हैं, जिनमें चार तरह की मिठाइयां और दो तरह के नमकीन रखे जा सकते हैं। यह स्पेशल बॉक्स कहलाता है।
  • गोल्ड कवर के तहत एक किलो से तीन किलो तक के बॉक्स हैं। इसमें चार प्रकार के ड्राय फ्रूट्स रखे जा सकते हैं।
  • वुडन रेंज के भी मिठाइयों के बॉक्स हैं, जो कोलकाता से बनकर आते हैं। इसमें एक किलो और सवा किलो के बॉक्स हैं। इनका पैटर्न ज्वेलरी बॉक्स की तरह है।
  • लोगों का मानना है कि जितनी अच्छी और महंगी मिठाई है, उतना ही खूबसूरत प्रेजेंटेशन होना चाहिए।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button