इंदौर के नए कलेक्टर इलैया राजा के अनसुने किस्से: तमिलनाडु के किसान परिवार में जन्मे, ऐसे सीखी फर्राटेदार हिंदी…

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इंदौर7 मिनट पहले
इंदौर में कलेक्टर टी इलैया राजा आज ज्वाइन करेंगे। वे जबलपुर से यहां तबादला कर भेजे गए हैं। 2009 बैच के IAS अफसर इलैया राजा जहां भी रहे, उनका पब्लिक कनेक्ट गजब था। भिंड हो या रीवा, उन्हें हटाए जाने पर इस कदर पब्लिक में गहमागहमी हो गई थी। जानिए उनके परिवार, पढ़ाई, UPSC के प्रयास और पब्लिक लाइफ के अनसुने किस्से…
किसान मां-बाप के बेटे हैं नए कलेक्टर
इलैयाराजा तमिलनाडु के रहने वाले हैं। 5 अप्रैल 1984 को उनका जन्म ईरोड जिले में हुआ। चेन्नई से 400 किलोमीटर दूर स्थित ईरोड जिला हल्दी के लिए प्रसिद्ध है। पिता किसान हैं। वे पुश्तैनी जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। मां हाउस वाइफ हैं और खेती-किसानी में हाथ भी बंटाती हैं।

इंदौर के नए कलेक्टर टी. इलैया राजा
पहली ही बार में पास कर ली UPSC
2009 बैच के IAS ने पहली ही कोशिश में UPSC क्लीयर कर लिया था। जब कैडर की पॉजिशनिंग हुई तो MP राज्य दे दिया गया। पूरी तरह से हिंदी भाषा वाले राज्य में जाना था और तमिल होने से उन्होंने पहली कभी हिंदी बोली ही नहीं थी। उन्होंने मसूरी के ट्रेनिंग सेंटर में ही हिंदी सीखी। आज वे इतनी फर्राटे दार हिंदी बोलते हैं कि शायद ही कोई भांप सके कि वे तमिल बैकग्राउंड के हैं। विंध्य, महाकौशल के बाद मालवा में उनकी यह पहली पोस्टिंग है।
पहली कलेक्टरी…85% बच्चे फेल हुए तो भिंड से भागा नकल माफिया
पहली बार कलेक्टर के तौर पर वे भिंड भेजे गए। चंबल का यह जिला पूरे देश में बिहार के बाद नकल के लिए सबसे बदनाम रहा है। यहां गिरोह बनाकर नकल कराई जाती थी और जो देश के किसी भी परीक्षा बोर्ड में दसवीं, बारहवीं, बीएड, डीएड, नर्सिंग नहीं करा पाता था, उसे यहां पास करा दिया जाता था। कलेक्टर ने परीक्षा केंद्रों में पहली बार CCTV कैमरे लगवा दिए। नतीजा दसवीं में 2015-16 में 15.5% और बारहवीं में सिर्फ 13.0% बच्चे पास हुए। यह हश्र देख नकल माफिया को भिंड छोड़ना पड़ा। इतनी सख्ती कर दी कि अगले साल भिंड में परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्र आधे ही रह गए। वे सब मुरैना शिफ्ट हो गए थे।
भिंड से तबादला होने पर पब्लिक रोई, रीवा में हो गई शिकायत
कलेक्टर इलैया राजा जब भिंड में पोस्टिंग के बाद ट्रांसफर किए गए तो पब्लिक सरकार के फैसले के विरोध में उतर आई। प्रदर्शन भी किया गया। इसी तरह रीवा में दिलचस्प वाकया हुआ था। जब वहां से उन्हें स्थानांतरित किया गया तो एक व्यक्ति ने तबादले के खिलाफ CM हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी।

सीएम शिवराज सिंह।
ये होंगे बड़े चैलेंज
- अगले साल विधानसभा चुनाव है। शिवराज सिंह चौहान का फोकस इंदौर पर है।
- पुलिस से तालमेल। यहां पुलिस कमिश्नरी लागू है। इलैया राजा अभी ऐसे किसी जिले में नहीं रहे हैं जहां कमिश्नरी लागू रही हो।
- इंदौर में सांसद-विधायकों के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा से भी तालमेल जरूरी।

इंदौर के पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह। सिंह को एमपीआईडीसी का एमडी बनाया गया है।
इंदौर में काम करना गौरव की बात
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर में काम करना गौरव की बात है। यहां लोगों, जनप्रतिनिधियों का असीम स्नेह मिला। इंदौर को सफाई में नंबर-1 बनाने में जो सहयोग मिला उसे कभी भुला नहीं जा सकता। मप्र में इंडस्ट्री आज सबसे बड़ी जरूरत है। जो भी आदेश मिलेगा, उसका पालन करने की पूरी कोशिश करूंगा।
मनीष सिंह… प्रवासी सम्मेलन में बढ़ेगी भूमिका
- सरकार ने 2023 में मेट्रो चलाने का दावा किया है, बहुत काम बाकी है। पूरा करना बड़ी चुनौती है।
- जनवरी में प्रवासी सम्मेलन, इनवेस्टर्स समिट है, एमपीआईडीसी एमडी के नाते भूमिका बढ़ जाएगी।
- जब निगमायुक्त बने तो स्वच्छता अभियान शुरू हुआ, इंदौर को नंबर वन बनाने की शुरुआत की।
- कलेक्टर बने तो कोविड की चुनौती थी। मरीजों के लिहाज से देश के टॉप शहर में शामिल था।
इलैया राजा: चुनाव से पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी
- इंदौर में राजनीतिक दखल ज्यादा है, सत्तारूढ़ दल के नेताओं के अलग-अलग धड़ों में समन्वय बनाना होगा।
- मेट्रो, स्मार्ट सिटी जैसे निगम के कई काम अटके हैं, ज्यादातर में प्रशासनिक कार्रवाई, हस्तक्षेप की दरकार है।
- अगले साल विधानसभा चुनाव है। शहर थोड़ा नया है, यहां का वर्क कल्चर अलग। स्वच्छता पर लगातार काम करना होगा।
- नवाचारों से पहचान। जबलपुर, भिंड में सुगम ट्रैफिक प्राथमिकता में रहा। भिंड में तबादले के खिलाफ जनता सड़क पर आ गई थी।
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