इंजन वाली नाव से निकला रहे थे रेत: 30 से 40 नाव से नर्मदा नदी में खनन, सूचना के बाद पहुंचे अमले का ग्रामीणों ने किया घेराव

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खरगोन19 मिनट पहले

जिले में रेत माफियाओं का हैरतअंगेज कर देने वाला कारनाम नर्मदा नदी में किया जा रहा था। इस कारनामे पर खनिज विभाग ने मुस्तैदी के साथ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। खनिज अधिकारी को सोमवार दोपहर 2 बजे मण्डलेश्वर अनुभाग के सुलगांव में बड़ी संख्या में रेत के अवैध खनन और ट्रैक्टरों से परिवहन की सूचना मिली।

खनिज अधिकारी ने अमले के साथ तुरंत पिकअप में सवार होकर और फिर मोटर साइकिल के सहारे खनन स्थल पर पहुंचे। हालांकि दल के पहुंचने की जानकारी मिलते ही खनिज माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली में भरी हुई रेत खाली कर भाग निकले। लेकिन इस कार्रवाई से रेत माफियाओं के हौसले जरूर पस्त हो गए। प्रशासन की कार्रवाई देर रात तक चली।

अवैध रेत खनन का दृश्य कुछ इस तरह देखा

सुलगांव में नर्मदा नदी से करीब 30 से 40 नाव से इंजन के सहारे रेत निकाली जा रही थी। इंजन से यह सुविधा होती है कि रेत से पानी निकल जाता है और रेत नाव में रखी जाती है। फिर रेत पानी में ही या बाहर किनारे पर एकत्रित कर ली जाती है। इसके बाद आगे का काम ट्रैक्टरों के माध्यम से परिवहन का काम किया जाता है। खनिज विभाग के पहुंचने की भनक लगते ही कुछ ट्रैक्टर खाली करके भाग निकले। विभाग के अमले ने गांव में ट्रैक्टरों को रोका।

अमले को 200 से 300 ग्रामीणों ने घेरा

कार्रवाई के असर का इस बात से भी अनुमान लगाया जा सकता है कि जब कार्रवाई की जा रही थी। तब खनन में शामिल परिवार के सदस्यों ने टीम को घेर लिया। इस समय ऐसा माहौल बना मानो बड़ी घटना हो सकती है।

खनिज अधिकारी सावन चौहान ने मौका देखकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी धर्मवीर सिंह को मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसडीएम और पुलिस को सूचना दी।

पुलिस आने तक अमला अपने स्थान पर जमा रहा। इस दौरान परिजनों से हंगामा करते हुए ट्रैक्टरों की वायरिंग वगैरह क्षतिग्रस्त करने लगे।

नर्मदा किनारे पर 40 से 50 टीले बना दिए

खनिज अधिकारी चौहान ने बताया कि कार्रवाई के दौरान देखा गया कि नर्मदा किनारे ट्रैक्टरों के द्वारा नदी से बाहर निकाली रेत के लगभग 40 से 50 टीले बनाये हुए मिले है। कार्रवाई में ट्रैक्टर थाने तक लाने में रात 10 बज चुके थे।

मण्डलेश्वर एसडीएम ने भी मौर्चा संभाला

खनन स्थल पर अवैध उत्खननकर्ता तथा उनका साथ देने वाले उनके परिजनों द्वारा हंगामा करने लगे। इस बीच एसडीएम दिव्या पटेल पुलिस फोर्स के साथ पहुंची। यहां लगभग 60-70 महिलाओं द्वारा ट्रैक्टरों को रोक लिया था। तभी एसडीएम पटेल द्वारा स्वयं आगे आकर महिला आरक्षकों के साथ मिल कर उन्हें पीछे किया तथा पुलिस दल की मदद से सभी ट्रेक्टर चालू कर वहां से ट्रैक्टरों को थाना मंडलेश्वर में खड़ा करवाया।

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