आस्था के महापर्व छठ पूजा पर हुए अनुष्ठान: छठ पर्व के तीसरे दिन सूर्यदेव को दिया अर्ध्य

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बालाघाट6 घंटे पहले

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आस्था के महापर्व छठ पूजा के पावन अवसर पर नगर में भी विविध अनुष्ठान संपन्न कराए गए। जानकारी के अनुसार चार दिवसीय छठ महापर्व जिले भर में भक्तिभाव के साथ मनाया गया। पर्व की शुरूआत नहाय-खाय के साथ शुरू हुई जिसमें शुक्रवार को विशेष पूजनपाठ के साथ महिलाओं ने खरना मनाया। वहीं छठपर्व के तीसरे दिन 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर महिलाएं नदी तथा सरोवरों में पहुंचकर सूर्यदेव को शाम को अर्ध्य दिया तथा आज सोमवार की प्रात: उदित होते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत का समापन किया जाएगा।

खीर और घी-आटे के बनाए गए पकवान

जानकारी के अनुसार व्रतधारी महिलाएं पवित्रता एवं निष्ठा के साथ छठव्रत करते हुए पहले दिन खरना मनाया गया जिसमें दिनभर का व्रत रखा वहीं संध्याकाल में मिट्टी के चूल्हे पर खीर का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्यदेव को उसका भोग लगाया तथा प्रसाद स्वयं भी ग्रहण किया साथ ही घी-आटे से बने पकवान के साथ ही पूजा में फलों को खासतौर पर शामिल किया गया।

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्ध्य

छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार 30 अक्टूबर को 36 घंटे निर्जला व्रत रखा गया था जिसके बाद संध्याकाल में पूजा कर महिलाएं नदी या तालाब में खड़े होकर सूप में समस्त पूजन सामग्री एवं फल इत्यादि रखकर अस्ताचलगामी होते सूर्यदेव को अर्ध्य दिया। वहीं व्रत के अंतिम चौथे दिन सोमवार को प्रात: का अर्ध्य दिया जाएगा। जिसमें व्रतधारी महिलाएं नदी तथा सरोवरों में पहुंचकर जल में खड़े होकर सूर्यदेव को प्रात: का अर्घ्य दिया जाएगा। अर्ध्य के बाद परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कोशी पूजन किया जाएगा। इस पूजन में 12 या 24 दीपक प्रज्जवलित करने का विधान है इसके साथ ही मिट्टी के बड़े दीपक में ऋतुफल भरे गए तथा परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए किया जाता है।

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