आयोजन: भगतसिंह ने जेल में 300 किताबों का किया था अध्ययन

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बड़वानी43 मिनट पहले
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कॉलेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते प्राचार्य।
पाटी के शासकीय कॉलेज में बुधवार को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत क्रांतिकारी शहीद भगतसिंह के जन्मदिन पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें प्राचार्य डॉ. परवेज मोहम्मद ने शहीद भगतसिंह के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा भगतसिंह के अनुसार बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की शान पर तेज होती है। भगतसिंह ने जेल जाने से पहले 250 किताबों का अध्ययन किया और जेल में रहकर 2 साल में लगभग 300 किताबें पढ़ी।
साथ ही कई लेख देश की ख्यात पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए। विद्यार्थियों को भगतसिंह के जीवन को और अधिक जानने के लिए प्रेरित किया। प्रशासनिक अधिकारी डॉ. मंशाराम बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि बताया भगत सिंह ने अपनी अलग टोली बनाकर देश को आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाकर अपने प्राणों की आहूति दी। प्रो. विश्वजीत रावत ने कहा आजादी की लड़ाई में दो प्रकार के दल थे एक गरम दल और एक नरम दल। भगत सिंह गरम दल के थे। वह लाला लाजपत राय की मौत से इतने आहत हुए थे कि उन्होंने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर अंग्रेजों की असेंबली पर दो बम फेंके और कुछ पर्चे भी फेंके।
जिस वजह से उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। छात्र इसराइल मिर्जा ने भगत सिंह के जीवन को बताते हुए अपनी बात रखी। इस दौरान क्रीड़ा अधिकारी अंजूबाला जाधव, प्रो. राजू औसारी, रैदास सस्ते, कनसिंह डावर, शिवजी सोलंकी सहित विद्यार्थी मौजूद थे।
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