बाल विवाह मुक्त भारत’ की जलाई मशाल: राधेश्याम काजले बोले- बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा को सुनिश्चित करने में बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा

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धारएक घंटा पहले
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धार में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन ने पूरे देशभर में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया गया। लाल बाग परिसर में रविवार शाम 6-15 बजे धार जिले में जीरो बाल विवाह करने के लिए सभी सहभागीदारों द्वारा मशाल जलाकर शपथ ली गई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास से जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन, उप पुलिस अधीक्षक निलेश्वरी डावर बाल कल्याण समिति सदस्य पंकज जैन उपस्थित रहे। DPO सुभाष जैन द्वारा मशाल जलाकर बाल विवाह रोकने हेतु सभी समाज जन को साथ में आने के लिए कहा गया।
कार्यक्रम में डीएसपी डावर द्वारा बताया गया की बाल विवाह कुप्रथा है इसे रोकने के लिए हम सभी प्रयास साझा प्रयास करेंगे। सीडब्ल्यूसी मेंबर पंकज जैन द्वारा बाल विवाह रोकने की बात कही गई व बाल कल्याण समिति की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया।
जिला कार्यक्रम समन्वयक राधेश्याम काजले द्वारा बताया गया की भारत सरकार की साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश में साल 2011 में 52 लाख नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह किया गया था। बाल विवाह और बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए कई कानून होने के बावजूद आज भी बाल विवाह का सिलसिला जारी है। इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा को सुनिश्चित करने में बाल विवाह सबसे बड़ी बाधा है।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने लोगों को जागरूक कर बाल विवाह के प्रति उनकी सोच व व्यवहार में बदलाव लाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है। इसी के लिए उन्होंने तीन साल तक चलने वाले ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की शुरुआत की है।
अभियान के तीन मुख्य लक्ष्य हैं, जिसमें कानून का सख्ती से पालन हो, यह सुनिश्चित करना तथा बच्चों व महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना, उनका सशक्तीकरण करना और 18 साल तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करना व यौन शोषण से बच्चों को सुरक्षा देना। अभियान का उद्देश्य सामाजिक व्यवहार व सोच में बदलाव लाकर बाल विवाह रूपी अपराध को खत्म करना है। इसकी शुरुआत आज से हो गई है, जिसके तहत 400 से ज्यादा जिलों में लाखों महिलाओं ने मशाल जुलूस निकाला, ताकि बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चाइल्ड लाइन(पहल इनिशिएटिव फॉर सोशल चेंज), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नेहरू युवा केंद्र व अनेक सामाजिक संस्थाओं ने सहभागिता दर्ज कर देशभर के करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
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