आदेश बेअसर: मंत्री ने सस्पेंड किया तो आरटीओ ने कार्यालय जाना छोड़ा लेकिन फाइलों में हर दिन हस्ताक्षर

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दमोह32 मिनट पहले

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परिवहन और दमोह जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत 4 सितंबर को जिला योजना समिति की बैठक में आरटीओ क्षितिज सोनी को निलंबित करने का आदेश दे चुके हैं। जिस दिन से उन्होंने निलंबन की घोषणा की, आरटीओ कार्यालय नहीं जा रहे हैं, उनके चेंबर पर ताला पड़ा हुआ है, लेकिन कार्यालय के किसी भी कामकाज में रूकावट भी नहीं आई है। बाकायदा हर दिन फाइलों में हस्ताक्षर हो रहे हैं।

भास्कर ने मंगलवार को दोपहर 1 बजे कार्यालय पहुंचकर पड़ताल की तो चेंबर पर ताला पड़ा था। लेकिन कर्मचारी जो दस्तावेज लिए थे, उनमें आरटीओ के हस्ताक्षर थे। इधर कलेक्टर का कहना है कि बैठक के मिनिट्स मंत्रालय को भेज दिए गए हैं। निलंबन की कार्रवाई भोपाल से होना है।

शासकीय आदेश में हो रहे आरटीओ के हस्ताक्षर
जब से प्रभारी मंत्री राजपूत ने दमोह आरटीओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं, उसके बाद से आरटीओ कार्यालय में बैठने के लिए आते ही नहीं हैं, हर चेंबर पर ताला पड़ा रहता है। दो खिड़कियां खुली हुईं हैं। जिनमें लाइसेंस का वितरण और रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। जो भी शासकीय आदेश जारी होते हैं, उनमें बाकायदा आरटीओ के हस्ताक्षर रहते हैं।

साहब के निवास से करवा लाते हैं सारे काम
दोपहर 1.25 बजे मंगलवार को भी लाइसेंस कक्ष में पदस्थ क्लर्क अब्दुल रहमान स्कूली वाहनों पर कार्रवाई के नोटिस वितरित करने जा रहे थे। उनके पास जो नोटिस थे, उनमें आरटीओ के हस्ताक्षर थे। रहमान का कहना था साहब के बंगले से फाइल पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं। एक दलाल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 25-26 दिन हो गए हैं, लेकिन आरटीओ साहब आए ही नहीं हैं। जो भी काम होना होता है, कर्मचारी साहब के निवास से करवा लाते हैं।

4 काउंटर पर ताला…इसलिए दलालों से ही काम होगा
कार्यालय में लोगों के कामों के लिए 6 काउंटर बने हैं, लेकिन उनमें से चार पर ताले पड़े हैं, क्योंकि सीधे तौर पर किसी का काम नहीं होता है। लोगों को लाइसेंस बनवाने के लिए दलाल के पास जाना पड़ता है और एजेंट सीधे अधिकारी से जुड़कर काम करा लाते हैं। यहीं कारण है कि यहां पर आम आदमी के सीधे तौर पर काम कराने की कोई सुविधा नहीं है। एजेंट के माध्यम से ही लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन मंजूर किए जा रहे हैं।

काम से भोपाल आया हूं
मैं किसी काम से भोपाल आया हूं। इस संबंध में मैं कोई बात नहीं कर पाउंगा। मुझे अभी कोई आदेश मिला भी नहीं है।
-क्षिजित सोनी, आरटीओ, दमोह

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