आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष को कराया इंतजार: PCC में एक घंटे तक इंतजार करते रहे ओमकार सिंह मरकाम, बोले- सीनियर लीड़र भारत जोड़ो में व्यस्त

[ad_1]
![]()
भोपाल6 मिनट पहले
मप्र कांग्रेस के आदिवासी विभाग के अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम शुक्रवार को पीसीसी में पदभार ग्रहण करने पहुंचे। सवा 11 बजे मरकाम पीसीसी के दफ्तर पहुंचे। यहां उन्होंने गणेश पंडाल में पहुंचकर गणेश जी की आरती की। इसके बाद सभागार में पहुंचे, लेकिन यहां उनके पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा। करीब आधे घंटे इंतजार करने के बाद वे थर्ड फ्लोर पर पहुंचे, यहां थोड़ी देर रुकने के बाद वापस सभागार में लौटे। करीब एक घंटे की देरी से कार्यक्रम शुरू हुआ। कांग्रेस आदिवासी विभाग के अध्यक्ष अजय शाह मकड़ाई, जेपी धनाेपिया, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल की मौजूदगी में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
पीले गमछे में पहुंचे मरकाम समर्थक
पूर्व मंत्री और डिंडोरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम के समर्थक बड़ी संख्या में पीला गमछा डाले नजर आए। पीसीसी में लंबे समय बाद आदिवासी कांग्रेस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। निवर्तमान अध्यक्ष अजय शाह मकड़ाई का स्वास्थ्य खराब होने के चलते मरकाम को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एमपी में 47 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित
मप्र विधानसभा की 230 सीटों में से 47 अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को ट्रायबल बेल्ट से बड़ी कामयाबी मिली थी। 47 आदिवासी सीटों में से 30 में कांग्रेस के विधायक चुनाव जीतकर आए थे वहीं 16 सीटों पर भाजपा के विधायक चुने गए थे। अब बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव को देखते हुए जनजातीय क्षेत्रों में पूरी ताकत लगा रही है। आज ओमकार सिंह मरकाम के पदभार ग्रहण के कार्यक्रम में कोई दूसरा आदिवासी विधायक नहीं पहुंचा।
आदिवासियों को गुमराह कर रही केन्द्र और राज्य की सरकार- मरकाम
दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए ओमकार सिंह मरकाम ने कहा- केन्द्र और राज्य की सरकार झूठ बोलकर आदिवासियों को गुमराह कर रही है। इस सच्चाई को जनता को बताने के लिए हमें इसके लिए संघर्ष करना है। आम व्यक्ति आदिवासी को मूलभूत सुविधाएं मिलें। इसके लिए हमें काम करना है। सीनियर लीडर्स के कार्यक्रम में न पहुंचने के सवाल पर बोले- हमारे वरिष्ठ नेता भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में लगे हैं। सभी नेताओं ने मुझे भरोसे के साथ जवाबदारी दी है। सबका स्नेह मेरे साथ है। पीला गमछा वो हमारे आदिवासियों की प्राकृतिक धरोहर का प्रतीक है। मैं समझता हूं कि सभी आदिवासी एक साथ होकर आगे बढें ये हमारी कोशिश रहेगी। जयस, गौंडवाना सहित सभी आदिवासी दल हमारे अपने हैं हम बैठकर चर्चा करके आगे बढ़ेंगे सबका सहयोग मिलेगा।
Source link




