आचार्य विद्यासागर का जन्मदिन: मंदिरों में धार्मिक आयोजनों के साथ निशक्त जनों को कराया भोजन, मिठाई बांटी

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विदिशाएक घंटा पहले
विदिशा में आचार्य विद्यासागर जी महाराज का 76 वां अवतरण दिवस धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। और निशक्त जनों को भोजन कराया।
आचार्य विद्यासागर महाराज के जन्मदिन के अवसर पर शीतल धाम हरिपुरा में श्रीजी के अभिषेक शांति धारा की गई वहीं मुनि सुप्रभ सागर महाराज के सान्धिय में आचार्य गुरूदेव विद्यासागर जी महाराज की पूजन की गई जिसमे धर्मालंबियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। सकल दि जैन समाज एवं शीतल विहार न्यास के समस्त पदाधिकारी एवं टृस्टीओं के साथ ही शीतल महिला मंडल ने आचार्य गुरूदेव की अष्ट मंगल द्रव्यों से पूजन किया और अर्घ समर्पित किए।

जैन समाज के द्वारा वृद्धाश्रम मैं बुजुर्गों को भोजन कराया , कच्छी भवन और सार्वजनिक भोजनालय में निशक्तत जनों को भोजन कराया तो वहीं जिला चिकित्सालय में मरीजों को फल वितरण किए इसके साथ ही सकल दिगंबर जैन समाज और शीतल विहार न्यास की ओर से माधवगंज चौराहे पर मिष्ठान वितरण किया गया।
इस अवसर पर जैन समाज के लोगों ने दयोदय गौशाला उदयगिरी पहुंचकर गायों को ग्रास खिलाया और गायों की सेवा का संकल्प लिया । इस मौके पर सकल दिगम्बर जैन समाज और शीतल विहार न्यास के पदाधिकारी मौजूद थे।

परिणय गार्डन मे चल रहे समवसरण विधान के चौथे दिन आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने आचार्य गुरदेव विद्यासागर जी महाराज के 76 वर्ष पूर्ण होने पर उदगार व्यक्त किए कि दूसरों को जीता तो क्या जीता यदि जीतना ही है तो अपने आप को जीतो अपनी इन्द्रिय को जीतोए इस खोटे पंचमकाल में यदि कोई राजा हैएतो वह सिर्फ जितेंद्रिय है, जिसने अपने मन और पांचों इन्द्रिय तथा विषय कषायों को अपने वश में कर लिया है और आज ऐसे ही जितेन्द्रिय राजा का हम सभी लोग अवतरण दिवस मनाने जा रहे है उनका नाम है आचार्य विद्यासागरजी महाराज
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