महालक्ष्मी मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब: भक्तों ने सुहाग सामग्री, चुनरी, श्रीफल व कमल के फूल भेंट कर जलाए दीप

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- Devotees Lit A Lamp By Offering Sweet Material, Chunari, Quince And Lotus Flowers, Worshiped Kaushambi By South Indian Method.
खंडवा42 मिनट पहले
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भक्तों ने सुहाग सामग्री, चुनरी, श्रीफल व कमल के फूल भेंट कर जलाए दीप, दक्षिण भारतीय पद्धति से कौशांबी पूजा की।
खंडवा में दीपों के त्यौहार दीपावली पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता मंदिरों में लगा रहा। श्रद्धालुओं ने शहर के सत्यनारायण मंदिर, विट्ठल मंदिर, मुनिबाबा मंदिर, दादा दरबार, भवानी माता, द्वारकाधीश मंदिर, शीतला माता, सराफा गणेश मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर दर्शन करते हुए दीप जलाए।
शहर के एकमात्र महालक्ष्मी मंदिर में भी दीपावली पर्व पर भक्तों का सैलाब उमड़ा। मंदिर में धन की देवी का विशेष श्रृंगार किया गया। दीपावली पर महालक्ष्मी मंदिर में दक्षिण भारतीय पद्धति से कौशांबी पूजा की गई। दक्षिण भारत से दीक्षा लेकर लेकर आए मंदिर के पुजारी बसंत महोदय ने इस पूजा को संपन्न कराया। इसके अलावा मंदिर में सहस्त्रलोचन एवं अभिषेक किया गया।
श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर महालक्ष्मी माता की आरती के साथ नर्मदाष्टक का पाठ कर महालक्ष्मी माता को चुनरी, श्रीफल, कमल का फूल, सुहाग सामग्री सुख समृद्धि की कामना के साथ अर्पित की। इसके बाद दोपहर 12 बजे भोग आरती हुई। तीसरे चरण में शाम 7 बजे दीपदान संकल्प हुआ। रात्रि 8 बजे महाआरती और सहस्त्र दीपदान के साथ कोशांबा पूजा की गई। इस पूजा में 108 प्रकार के फल-फूल के रस, इत्र एवं 108 प्रकार सूखे मेवों से अभिषेक किया गया। आरती पश्चात रंगारंग गगनभेदी आकाशीय आतिशबाजी की गई।

अमावस्या पर खंडग्रास सूर्यग्रहण होने पर मंदिर व्यवस्था
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि 25 अक्टूबर मंगलवार को अमावस्या खंडग्रास सूर्यग्रहण होने पर सुबह 4.23 बजे से मंदिर के पट बंद हो जाएंगे जो शाम 6.32 बजें ग्रहण के मुक्त होने पर खुलेंगे। 26 अक्टूबर बुधवार को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर अन्नकूट, गोवर्धन पूजा एवं कार्तिक नववर्ष के दौरान प्रात: 5.30 बजे मंगला आरती, 6 बजे काकड़ आरती, 8.30 बजे श्रंगार आरती, प्रात: 9 बजे विशेष पूजन, मध्यान्ह 12 बजे विश्राम आरती, रात्रि 8 बजे संध्या आरती एवं शयन आरती होगी।
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