अपना घर नहीं बचा सके कमलनाथ!: सौसर में जनपद पंचायत, जिला पंचायत के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव में भी मिली पराजय

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छिंदवाड़ा22 मिनट पहले
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आखिरी चरण में संपन्न हुए निकाय चुनाव में पूर्व सीएम कमलनाथ को अपने ही गृह क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा। शिकारपुर सौसर विधानसभा क्षेत्र में आता है यहां जनपद और जिला के बाद अब नगर पालिका परिषद के चुनाव में भी कांग्रेस को करारी शिकस्त का मुंह देखना पड़ा।
सबसे शर्मनाक बात यह है कि सौसर नगर पालिका में कांग्रेस का एक भी पार्षद चुनाव नहीं जीत पाया जो पार्टी के लिए गहन चिंतन का विषय बन गया है यहां 15 में से 14 सीट पर भाजपा पार्षद ने जीत दर्ज की है जबकि एक निर्दलीय पार्षद अरुण गजभिए चुनाव जीतने में कामयाब हुआ है। जो निर्दलीय पार्षद चुनाव जीता है वह भी भाजपा का ही बागी बताया जा रहा है ऐसे में समझा जा सकता है कि कांग्रेस को यहां किस तरह से समीक्षा करने की जरूरत है।
पूर्व सीएम और सांसद ने ली थी आम सभा
गौरतलब हो कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ ने सौसर में विशेष रूप से आमसभा कर चुनाव जीतने के लिए विशेष रणनीति तैयार की थी लेकिन एक भी रणनीति काम नहीं है यहां तक कि छिंदवाड़ा के दिग्गज नेताओं यह जिम्मेदारी दी गई थी वह भी कोई कमाल नहीं कर पाए।
कमलनाथ के विश्वस्त महाराष्ट्र प्रभावशाली नेता सुनील केदार भी नही दिखा सके कमाल पीपीसी चीफ कमलनाथ ने सौसर नगर पालिका चुनाव की जबाबदारी अपने विश्वस्त सावनेर विधायक एवम पूर्व मंत्री सुनील केदार को सौंपी थी। सुनील केदार भी यहां कुछ कमाल नहीं कर पाए। सौसर निकाय के 15वार्ड में से 14 वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है।
शेष एक सीट पर भाजपा के बागी हुए निर्दलीय प्रत्याशी अरुण गजभिए ने जीत हासिल की है।भाजपा इस वार्ड को रणनीति का हिस्सा बता रही है। कुल मिलाकर सौसर निकाय में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई।
पूर्व मंत्री नाना मोहोड और जिला अध्यक्ष की रणनीति ने ढहाया कांग्रेस का किला
सौसर निकाय में पिछले 10 सालो से कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस अपनी निराशजनक हार को एंटी इनकम बैंसी वजह बता रही है तो भाजपा क्षेत्र के प्रभावशाली नेता नाना मोहोड और भाजपा जिला अध्यक्ष को जीत का श्रेय दे रहे है।
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