नई अफीम नीति घोषित: अफीम पोस्ते की खेती के लिए दी गई लाइसेंसों की मंजूरी, वित्त मंत्रालय ने पट्टे के लिए जारी किए कई निर्देश

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नीमच12 मिनट पहले
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केंद्र सरकार की ओर से 1 अक्टूबर 2022 को शुरू और 30 सितंबर 2023 को समाप्त होने वाले अफीम फसल वर्ष के दौरान अफीम पोस्ते की खेती के लिए लाइसेंसों की मंजूरी दे दी गई है। यानी सरकार की ओर से नई अफीम नीति घोषित कर दी गई। जिसे लेकर अधिसूचना भी जारी की गई। इसी नई अफीम नीति को लेकर सांसद गुप्ता का बड़ा बयान भी सामने आया है।
नई नीति को लेकर जब नीमच-मंदसौर क्षैत्रिय सांसद सुधीर गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, अफीम नीति- 2022-23 अब तक की सबसे अच्छी नीति घोषित हुई है। इसके बाद जहां एक और रकबा भी बढ़ेगा, तो वहीं दूसरी और अफीम का उत्पादन भी काफी हद तक ज्यादा देखने को मिलेगा। वर्ष- 2022-23 में अफीम की खेती करने वाले किसानों की संख्या देशभर में करीब 90 हजार होगी, जो कि काफी खुशी की बात भी है।
बता दें कि इस बार 4.2 से अधिक औसत देने वाले अफीम काश्तकारों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे। इसमें खास बात यह भी देखने को मिलेगी कि, वर्ष 1999-2000 से लेकर साल 2021-22 तक जिन भी अफीम काश्तकारों की अफीम घटियां रही और जिनकी अफीम का औसत 6 के ऊपर रहा।
उन्हें भी मार्फिन के आधार पर सीपीएस पद्धति के तहत सरकार की ओर से लाइसेंस जारी किए जाएंगे। वहीं नई अफीम नीति घोषित होने के बाद अफीम किसानों में भी हर्ष का माहौल है और उनके चेहरे पर भी खुशी देखने को मिल रही है।
क्या है नई नीति पढ़े
2022-23 के अंतर्गत केंद्रिय वित्त मंत्रालय ने अफीम नीति की घोषणा जारी कर दी है। वित्त मंत्रालय ने अफीम के पट्टों के लिए किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे। इसके अलावा भी वित्त मंत्रालय ने अफीम के पट्टे के लिए और भी कई निर्देश जारी किए है |
- सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।
- किसान 2 से अधिक भूखंडों पर अफीम की बुवाई नहीं कर सकते हैं।
- काश्तकार यदि चाहे तो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पट्टे पर दूसरों की भूमि ले सकता है। इसकी अनुमति रहेगी।
- आगामी वर्ष 2022-23 में प्रति हेक्टेयर 5.9 किलोग्राम मार्फिन देनी होगी।
- 2019-20, 2020-21 व 2021-22 के दौरान फसल की जुताई करने वाले किसानों को वर्ष 2023-24 के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
- लुइनी-चिरनी में 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर मार्फिन देने वाले किसानों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।
- 1999 से 2021 तक 6 प्रतिशत से अधिक मार्फिन देने वाले किसानों को भी पट्टे दिए जाएंगे।
- सीपीएस पद्धति में 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से नीचे मार्फिन देने वालों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे।
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