Chhattisgarh

अतिथि व्याख्याता नियुक्ति पर लगी रोक से कॉलेजों में संकट, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी

0.जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे बोले – “छात्रों का भविष्य अधर में, सरकार तुरंत उठाए कदम”

कोरबा, 13 अक्टूबर 2025।
राज्य के महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक ने उच्च शिक्षा व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। इस मुद्दे पर जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे ने कहा कि इस रोक से अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया है और हजारों छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया है।

कुर्रे ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत सत्र 2024-25 से छत्तीसगढ़ के सभी महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की गई है। इसके अनुसार दिसंबर और जून में परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। लेकिन नियमित शिक्षकों की भारी कमी के कारण शिक्षण कार्य मुख्य रूप से अतिथि व्याख्याताओं पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में लागू नीति के अनुसार श्रेणी-1, 2 और 3 के व्याख्याताओं को पुनः नियुक्त किया जाना था, जबकि श्रेणी-4 के रिक्त पदों के लिए नए विज्ञापन जारी होने थे। इसी क्रम में 23 जुलाई 2025 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया का पत्र जारी हुआ, किंतु अगले ही दिन — 24 जुलाई 2025 को आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग ने पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इसके बाद नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए संभागवार समितियाँ गठित की गईं।

कुर्रे ने कहा कि जांच का हवाला देकर महीनों से रोक लगाए रखना छात्रों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा, “यह शासन की घोर लापरवाही है। छात्रों को बिना पढ़ाए परीक्षा देने पर मजबूर किया जा रहा है। इससे न केवल शिक्षा स्तर प्रभावित हो रहा है, बल्कि बेरोजगार युवाओं के अवसर भी छिन रहे हैं।”

शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, अध्यापन कार्य 1 जुलाई से आरंभ होना था, प्रायोगिक परीक्षाएं 10 से 20 नवंबर के बीच और मुख्य परीक्षाएं 28 नवंबर से निर्धारित हैं। लेकिन अक्टूबर मध्य तक भी रोक नहीं हटाई गई है, जिससे कॉलेजों में पढ़ाई लगभग ठप है।

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने उच्च शिक्षा मंत्री से तत्काल रोक हटाने, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया सुनिश्चित करने और छात्रों को परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

बैठक में जिलाध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे, शहर अध्यक्ष हरि चौहान, छत्रपाल, महिला अध्यक्ष चंचल महंत, उपाध्यक्ष सुनीता खूंटे, महासचिव प्रेरणा कुर्रे, सुमित्रा महंत, तथा छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कमलेश धीवर, कमलेश यादव, उमा शंकर, महेन्द्र यादव सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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