अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बोले- शंकराचार्य की नियुक्ति सही: बाबा बलराम दास ‘हठयोगी ने कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज को लेकर भ्रम फैला रहे कुछ लोग

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नरसिंहपुर35 मिनट पहले

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हरिद्वार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा बलराम दास ‘हठयोगी महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की नियुक्त को सही बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ संत भ्रामक प्रचार कर रहे हैं।

बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि शंकराचार्य की नियुक्ति का अखाड़ों से कोई लेना-देना नहीं है। ना ही अखाड़े शंकराचार्य की नियुक्ति करते हैं, शंकराचार्य का चुनाव काशी विद्वत परिषद के द्वारा किया जाता है। अन्य पीठ के शंकराचार्य रिक्त पीठ पर नवनियुक्त शंकराचार्य की नियुक्ति करते हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जहां आश्रम अखाड़ों, मठ-मंदिरों में रोजाना संपत्ति को लेकर गुरु शिष्य और आम जनमानस में झगड़े होते हैं। कोर्ट में लंबी लड़ाई चलती है, उसको देखते हुए ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपने शिष्य शंकराचार्य नियुक्त किया। इसका सभी संतों को सम्मान करना चाहिए।

अखाड़ों के नियम अलग हैं

उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एवं स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज उच्च कोटि के विद्वान महापुरुष हैं। शंकराचार्य पद के योग्य हैं, लेकिन कुछ संत मीडिया में बने रहने के लिए रोजाना कुछ ना कुछ अनर्गल बयानबाजी कर नए विवाद को जन्म देते हैं। प्राचीन काल से ही शंकराचार्य पद की नियुक्ति का अखाड़ों से कोई वास्ता नहीं है फिर सन्यासी अखाड़े शंकराचार्य की नियुक्ति कैसे कर सकते हैं। वसीयत के आधार पर नवनियुक्त शंकराचार्य सम्मानित पद पर नियुक्त हुआ और संत समाज उनके साथ है।

संत समाज में फूट डाल रहे कुछ लोग

बाबा हठयोगी महाराज ने आरोप लगाया है कि अखाड़े से जुड़े एक संत राजनीति करने के चक्कर में संत समाज में फूट डालने का कार्य कर रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जिस प्रकार देश के सबसे वरिष्ठ और विद्वान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का सब आदर और सम्मान करते हैं, उसी प्रकार उनके निर्णय का भी सम्मान किया जाएगा।

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