बैतूल के पास बाघ-बाघिन का मूवमेंट: वन विभाग कर रहा है कड़ी निगरानी, कैमरे में कैद हुआ बाघ

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बैतूल27 मिनट पहले
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बैतूल शहर से 3 किमी दूर बाघ के मूवमेंट की पुष्टि हुई है। वन विभाग द्वारा जंगल में लगाए गए कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। बाघ के पगमार्क और पेड़ों पर पंजो से खंरोच के निशान भी मिले हैं। जिसके बाद वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी। वहीं ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। इसे मिलाकर बैतूल के पास अब 2 बाघ चहलकदमी कर रहे हैं। इनमें एक बाघिन है। हाल ही में आए बाघ की आवक से संभावना है कि वह मेटिंग के लिए यहां पहुंचा है।
बैतूल की करीबी जंगल में बाघ होने जानकारी मिलने के बाद वन विभाग ने इस इलाके में बाघ की खोज खबर तेज कर दी थी। जंगल में कैमरे भी लगाए गए थे। इस कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। जिसके बाद उसके यहां होने की पुष्टि हो गई है। बता दें, यह बाघ जून में भी इस इलाके में आ चुका है। अब यह दूसरी बार यहां पहुंचा है। जिसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। बैतूल रेंजर अमित शर्मा के मुताबिक फिलहाल 2 दिन से लोकेशन नहीं मिली है। शायद वह जंगल चला गया है। परसों कैमरे में उसकी फोटो आई थी।
पेड़ों पर खरोंच के निशान
इसे लेकर उसके जिन इलाकों में होने की संभावनाएं हैं। वहां गस्ती कराई जा रही है। जबकि, बाघ के पग मार्क फॉलो कराए जा रहे हैं। पेड़ों पर उसके खरोंच के निशान देखे जा रहे हैं। बाघ को कड़ी निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह बाघ पिछले जून में भी यहां आया था। उस समय भी इसी बाघ के पगमार्क मिले थे अब यह दूसरी बार आया है। नवंबर-दिसंबर में बाघों के मेंटिंग का समय होता है।

पहले से मौजूद है बाघिन
खास बात यह है कि बेतूल की जंगलों में पहले से ही एक बात ही मौजूद है। जो बैतूल के आसपास के इलाकों में विषण करती रहती है। रजत शर्मा ने बताया कि पिछला रिकॉर्ड है कि यहां बाघिन ने अपनी टेरिटरी बना ली है। यह यहीं आसपास रहती है। यह बाघ भी संभवत उसी से मेंटिंग के लिए यहां पहुंचा है।
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