प्रयागराज महाकुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ पैवेलियन

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
प्रयागराज – छत्तीसगढ़ की कला , संस्कृति और यहां का गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित करता है। छग के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ को जानने के लिये देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है।प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मी द्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है।

पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गई है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया , मां चंद्रहासिनी , मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गई है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला , संस्कृति , आभूषण , वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण किया गया है। छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार , 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गई है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को निर्मित किया गया है। स्थानीय लोग और देश भर से आये श्रद्धालु छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पायें , इसके लिये वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिये छत्तीसगढ़ को जानने के लिये स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है और लोग लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हुये नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर काम कर रहे हैं और ये संकल्पना धीरे धीरे मूर्त रूप ले रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किये जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है मानो उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है।