Chhattisgarh

IPS, Dipka : World Earth Day पर बच्चों ने फेस पेंटिंग एवं पोस्टर मेकिंग के द्वारा वन्य जीवों के संरक्षण का किया वादा….

कोरबा, 24 अप्रैल । पृथ्वी दिवस या अर्थ डे शब्द को लोगों के बीच सबसे पहले लाने वाले जुलियन कोनिंग थे।साल 1969 में उन्होंने सबसं पहले इस शब्द से लोगों को अवगत करवाया।पर्यावरण संरक्षण से जुड़े इस आंदोलन को मनाने के लिए उन्होंने अपने जन्मदिन की तारीख 22 अप्रैल को चुना और तब सं हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ग्रहों में श्रेष्ठ धरती जिस पर जीवन का संचार है । जीवन हेतु आवश्यक वातावरण जो केवल धरती पर ही निर्मित होते हैं । जीवन के इस अतुल्य वातावरण के निर्माण में एक ओर वन तो दूसरी ओर जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है ।

जीवों से निर्मित खाद्य श्रृंखला जो पृथ्वी पर संतुलन का कार्य करती है तो वहीं वन एवं पेड़-पौधे इन जीवों को संरक्षण प्रदान करते हैं । यदि इन दोनों की कमी होती है तो इसका सीधा-सीधा असर हमारे जन-जीवन पर पड़ता है । अतः यदि मानव को अपना जीवन सुरक्षित एवं सुचारू रूप से चलाना है तो आवश्यक है कि वन एवं जीवों को संरक्षण प्रदान करें । प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व धरा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है कि धरती के अस्तित्व को बचाना । आज मानव के विविध क्रिया कलापों से धरती का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है । कहने को तो हम विकास के क्रम में चल रहे हैं परंतु वास्तविकता यह है कि अपने विकास के लिए हम अपने जीवनपयोगी वातावरण का नाश कर रहे हैं ।

दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में बच्चों एवं शिक्षिकाओं ने इस वर्ष अर्थ डे अलग अंदाज में मनाने का निर्णय लिया । इस अवसर पर कक्षा छठवीं एवं सातवीं के बच्चों ने शिक्षिकाओं के सहयोग से अपने चेहरे पर वन एवं वन्य जीवों की पेंटिंग बनाकर लोगों को यह बताया कि मानव का अस्तित्व तभी सुरक्षित है जब धरती का अस्तित्व सुरक्षित होगा और धरती तभी सुरक्षित रहेगी जब उस पर पाए जाने वाले वन एवं वन्य जीव सुरक्षित होंगें । इसके अतिरिक्त अन्य विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के पोस्टर बनाकर धरती की सुरक्षा का संदेश दिया।सभी विद्यार्थियों की पेंटिंग एवं पोस्टर में पर्यावरण प्रदूषण के कारण झुलसती धरती एवं दिन-प्रतिदिन कम होते वन प्रतिशत,नदियों के सिमटते दायरे एवं बेजुबान पशुओं के शिकार के प्रति चिंता व्यक्त की गई थी।

अतः मानव होने के नाते हमारा प्रथम कर्तव्य इन जीवों एवं वनों की सुरक्षा करना है ना कि अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु उनका दोहन करना । इस महान उद्देश्य के कार्य में चित्रकला की शिक्षिका श्रीमती अंशुल रानी एवं उनके साथ प्री-प्रायमरी स्टॉफ में शिक्षिका यामिनी सिंह का विशेष सहयोग दिया । विद्यालय के प्राचार्य डॉ0संजय गुप्ता ने कहा कि धरती में वन एवं वन्य जीवों का बहुत महत्व है।इन्हीं से पूरी पारिस्थितिकी का निर्माण होता है।हमें कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हमारी पृथ्वी प्रदूषित हो।हमें यथासंभव वनों,पर्वतों,नदियों,झरनों एवं धरती में मौजूद सभी जीवों की सुरक्षा करनी चाहिए।

यदि धरती सुरक्षित रहेगी तभी हम सुरक्षित रहेंगे।धरती हमारी माता है।जीवन संपदा को बचाने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखना बहुत जरुरी है।पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए आयोजित किया जाता है।इसकी स्थपना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रुप में की थी।अब इसे 192 सें अधिक देशों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

Related Articles

Back to top button