पूर्व शिक्षा सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला की मेहनत लाई रंग, बच्चों ने हिंदी विषय में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन

कुछ करने की चाह ही व्यक्ति को आगे ले आती है, और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए यदि आप बहुत से लोगों के जीवन में अभूतपूर्व क्रांति ला सकते हैं तो यह जीवन की सबसे बड़ी सफलता मानी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो शासन से सेवानिवृत होने के बावजूद भी जन सेवा के क्षेत्र में ऐसे अनेक कार्य कर रहे हैं जिनसे अनेक लोगों को फायदा मिल रहा है। इसका साक्षात उदाहरण है छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व शिक्षा सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला।
शुक्ला ने बोर्ड परीक्षा में सबसे कम परिणाम लाने वाले जांजगीर जिले सहित उन जिलों को अपना लक्ष्य बनाया जहां के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में विशेष प्रगति कर नहीं पा रहे हैं। डॉक्टर आलोक शुक्ला ने हिंदी की काव्य विधाओं के साथ गद्य विधाओं को सरलीकृत करते हुए जांजगीर बिलासपुर रायगढ़ कोरबा सहित अन्य जिलों के बच्चों को उचित मार्गदर्शन प्रदान किया। उनके इस मार्गदर्शन का परिणाम यह निकला कि बच्चे अधिक से अधिक संख्या में उनके यूट्यूब चैनल से जुड़ने लगे, कल जब बोर्ड का पहला प्रश्न पत्र हिंदी सामने आया तो उन बच्चों की खुशी का ठिकाना ही ना रहा, शुक्ला जी के द्वारा बताई गई विधि का अनुसरण करते हुए उन्होंने तैयारी की और उसी अनुसार प्रश्न पत्र भी आए थे, बच्चों ने सरलता पूर्वक उन सारे प्रश्नों के उत्तर दिए। सारे बच्चों को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास नजर आ रहा है कि हिंदी में वे सबसे अधिक अंक प्राप्त करने में सफल होंगे। बहुत से छात्रों ने डॉक्टर आलोक शुक्ला का आभार प्रदर्शन किया है कि इस प्रकार का मार्गदर्शन करने के कारण ही हिंदी में सफलता प्राप्त हुई है।