सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से करें निराकरण – सीएम साय

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुये आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतने और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुये कहा कि विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर सुनिश्चित किया जाये।
कलेक्टरों को निर्देशित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समय सीमा में नामांतरण ना होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुये कठोर कार्यवाही करें। सीएम साय ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने इसके लिये विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुये कार्यवाही में विलंब ना हो , यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना ना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है , अतः मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने और सभी आवेदनों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाये और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो। अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाये। सीएम साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये। डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुये उन्होंने राजस्व , कृषि , खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिये। राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने विभागीय कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण , पंजीयन का डिजिटलीकरण तथा मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण , किसान पंजीयन , डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया। राजस्व सचिव चंपावत ने यह भी बताया कि सीएम साय के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है। वहीं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाये और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत दी जाये। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन , मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह , मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद , राहुल भगत , डॉ. बसवराजू , चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।