सीएम का एक्शन और दिव्यांग को मिला गिफ्ट: पैतृक मकान का हुआ नामांतरण; प्रशासन की टीम ने घर जाकर दिया आदेश पत्र, सफाई भी कराई

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इंदौर28 मिनट पहले
पिछले दिनों दिव्यांग कृष्णा उर्फ सोनू पाठक के साथ बदसलूकी को लेकर एडीएम पवन जैन को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा हटाने के बाद प्रशासन द्वारा उनकी समस्या का समाधान कर दिया गया है। इसके तहत सोनू की पैतृक संपत्ति का नामांतरण किया गया। प्रशासन की टीम उनके सांई बाबा नगर स्थित मकान पर पहुंची और उन्हें आदेश पत्र सौंपा। इसके साथ ही नगर निगम ने उनके मकान के अंदर और बाहर की सफाई की।

कलेक्टर मनीष सिंह ने दीपक से पूरी समस्या सुनी और किया समाधान।
18 अक्टूबर को जनसुनवाई में दिव्यांग सोनू अपनी समस्या को लेकर एडीएम पवन जैन के पास गए थे। वे अपने मकान जो उनके दादाजी के नाम से था, उसे अपने नाम कराना चाहते ये। इसके लिए वे कई बार कलेक्टोरेट और नगर निगम के चक्कर काट चुके थे। मंगलवार को एडीएम ऑफिस के बाहर सिपाहियों ने उन्हें हॉल में जाने से रोका और रजिस्ट्रेशन की पर्ची मांगी। इस पर उनका कहना था कि वे कई बार जनसुनवाई में आ चुके है। बहस के बाद कर्मचारियों ने उनके लिए व्हीलचेयर का इंतजाम किया। दरअसल उन्हें चलने के साथ बोलने में भी समस्या थी।

प्रशासन की टीम ने घर जाकर जानकारी जुटाई और आदेश पत्र सौंपा।
अपर कलेक्टर पवन जैन के सामने पहुंचकर उन्होंने टेबल पर जोर से फाइल और अपना मोबाइल फोन पटका। इस दौरान मोबाइल का कवर खुल गया और एडीएम के चेहरे पर जाकर टकराया जबकि बैटरी निकलकर नीचे गिर गई। इस बात पर एडीएम पवन जैन नाराज हो गए और उसे डांट दिया। दूसरे दिन मामला मुख्यमंत्री के समक्ष आया तो उन्होंने एडीएम जैन को हटाकर भोपाल ट्रांसफर कर दिया।
बहरहाल कलेक्टर मनीष सिंह ने बुधवार को सोनू को बुलवाया और उनकी सारी समस्याएं सुनी। इसमें पता चला कि 13 अक्टूबर को ही सोनू के बीपीएल कार्ड बनाने के आदेश जारी कर दिए गए थे। कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार (राऊ) ने सोनू द्वारा जनसुनवाई में दी गई शिकायत के आधार पर मकान के नामांतरण के संबंध में जांच की। इसमें जानकारी मिली कि 263 सांई बाबा नगर इन्दौर के मकान जिसमें सोनू रहते हैं वह वर्तमान में उनके दादाजी के नाम पर दर्ज है जो करीब सौ वर्गफीट का है। इसमें एक कमरा बना हुआ है, बाकी खाली है। टीम ने मौके पर आसपास के लोगो से पूछताछ की गई।
ताला तोड़कर घुस जाते थे असामाजिक तत्व
पडोसियों एवं खुद सोनू द्वारा बताया गया कि उनकी दिव्यांगता का लाभ उठाकर कई लोग उनके मकान में ताला तोडकर घर में घुस जाते हैं। पडोसियों द्वारा यह भी बताया गया कि सोनू यहां अकेले ही रहते हैं। उनके पिता दीपक पाठक की काफी समय पहले मृत्यु हो चुकी है। उनकी मां व एक भाई नागदा में रहते हैं जो 10 सालों में उसके पास कभी नहीं आए। सोनू को उनकी दादी द्वारा ही पाल पोसकर बड़ा किया गया। मां बचपन में ही छोड़कर चली गई थी।
सोनू द्वारा मौके पर संपत्ति कर की रसीद भी बताई गई, जो उनके दादाजी के नाम से थी। सारी तफ्तीश के बाद शुक्रवार को सोनू पाठक को नामांतरण का आदेश दिया गया। इसी तरह एसडीएम द्वारा उसका बीपीएल कार्ड भी बनाकर दिया गया। अब कार्ड के आधार पर उसे सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा। उधर, सर्व ब्राह्मण युवा परिषद की टीम शुक्रवार को सोनू के घर पहुंची और उनकी आर्थिक मदद की। इसके साथ ही परिषद ने प्रशासन से उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करवाने की अपील की है।
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