10 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप: रीवा लोकायुक्त की दबिश में भ्रष्टाचारी पटवारी दूसरी बार पकड़ाया, निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर मांगी थी रकम

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रीवाएक घंटा पहले
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रीवा लोकायुक्त कार्यालय लेकर जाते आरोपी पटवारी को।
रीवा लोकायुक्त ने दूसरी बार एक भ्रष्टाचारी पटवारी को बेनकाब किया है। सूत्रों की मानें तो हुजूर तहसील अंतर्गत रतहरा हल्का में पदस्थ पटवारी 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रेप हुआ है। दावा है कि आरोपी पटवारी ने निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर मकान मालिक से रकम मांगी थी। वह बिना पैसे लिए काम नहीं कर रहा था। ऐसे में थक-हारकर फरियादी लोकायुक्त एसपी कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचा।
सत्यापन कराया तो शिकायत सही मिली। बातचीत के आधार पर बुधवार की दोपहर ट्रैंपिग का समय निर्धारित हुआ। पटवारी ने फरियादी को अपने रतहरा स्थित कार्यालय बुलाया। जैसे ही पीड़ित पैसे देकर बाहर आया। वैसे ही बाहर खड़ी टीम ने पकड़ लिया है। अग्रिम कार्रवाई के लिए पटवारी को लोकायुक्त की टीम अपने कार्यालय लेकर पहुंची है। जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

बाई ओर टोपी में आरोपी पटवारी धीरज पाण्डेय, दाई ओर शिकायतकर्ता।
ये है मामला
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि 23 नवंबर को आरोपी धीरज पाण्डेय पटवारी हल्का रतहरा को 10 हजार रुपए की रकम के साथ गिरफ्तार किया है। उसने प्रापर्टी डीलर अनुराग मिश्रा निवासी रतहरा से निर्माण कार्य में आपत्ति लगाकर रकम की डिमांड की।
रूपए नहीं देने पर आरोपी पटवारी मकान मालिक को परेशान कर रहा था। पीड़ित अनुराग मिश्रा की शिकायत पर आरोपी पटवारी को जाल बिछाकर पकड़ लिया है। उक्त कार्रवाई डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के मार्गदर्शन में निरीक्षक जियाउल हक के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय टीम ने की है।
30 दिसंबर 2013 को पूर्व में हो चुका है ट्रेप
एसपी ने बताया कि आरोपी पटवारी धीरज पाण्डेय को 30 दिसंबर 2013 को पूर्व में भी लोकायुक्त के हाथों ट्रेप हो चुका है। तब आरोपी ने नामांतरण एवं ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में 2500 रुपए की डिमांड की थी। पटवारी खिलाफ आईपीसी की धारा 7 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। यह प्रकरण लोकायुक्त विशेष कोर्ट में विचाराधीन है।
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